रोजगार और देश की अर्थव्यवस्था की खाट लगा चुके परम पूजनीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने अपनी ही तरह अपने मंत्रियों को भी अंड-मंड-संड बकलोली करने की पूरी छूट दे रखी है. रोजगार तो दे नहीं पाए उल्टा छीन लिया, अब जले पे नमक छिड़क रहे हैं. इनके हिसाब से युवाओं की नौकरी जाना अच्छे संकेत हैं. काहे मंत्री जी, अब का इंजीनियर, डॉक्टर, आईटी प्रोफेशनल को गाये, गोबर, भैंस और मूत्र बटोरने के काम में लगाओगे का? इतिहास में सबसे बड़े बकलोलन की सरकार का नाम दर्ज करा दो भैया कउनो, ताकि बच्चे पढ़ कर भविष्य में होशियार रहें।
अगर भगवान् कही है तो यकीनन भारत में ही है। क्योंकि अगर ऐसे ज्ञाता लोग और उनके अथक समर्थक हो और फिर भी देश चल ही रहा हो तो यह चमत्कार ही है।
पीयूष गोयल बोले, नौकरी जाना इकॉनमी के लिए अच्छा संकेत, यहां जानिए हकीकत
पिछले दिनों वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम के इंडिया इकनॉमिक समिट में रेलवे मंत्री पीयूष गोयल ने एक अजीब बात कही। पीयूष गोयल ने कहा था कि लोगों की नौकरी जाना इकॉनमी के लिए अच्छा संकेत है। ऐसे समय में जब पूरा देश प्राइवेट सेक्टर में घटती नौकरियों को लेकर चिंतित है तब केंद्र के मंत्री का ऐसा बयान हैरानी वाला था।
दरअसल पीयूष गोयल भारती एयरटेल के चेयरमैन सुनील मित्तल की बात का जवाब दे रहे थे। सुनील मित्तल ने भारत की टॉप 200 कंपनियों का संदर्भ लेते हुए कहा था कि ये कंपनियां पिछले कुछ सालों से जॉब घटा रही हैं। मित्तल ने कहा था कि अगर ये टॉप 200 कंपनियां रोजगार सृजन नहीं कर रही हैं तो बिजनस समुदाय के लिए समाज को अपने साथ लेकर चल पाना और भी कठिन होता जाएगा।
इसके बाद ही पीयूष गोयल का बयान आया। हालांकि पहले इसे साफ कर दिया जाए कि पीयूष गोयल युवाओं की नौकरी जाने पर खुशी नहीं जता रहे हैं। उनका संदर्भ था कि युवा अब कहीं नौकरी करने की बजाय स्वरोजगार की तरफ जा रहे हैं। NBT
मंत्री जी ज़रा अब यह भी बता दे की स्वरोज़गार की रेटिंग व् यूनिट कितनी लगी ?
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